सुनील शर्मा
नई दिल्ली । हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अदाणी समूह पर लगाए गए आरोपों की वजह से गौतम अदाणी को फिलहाल राहत नहीं मिली है। प्रमुख एक्सचेंज एनएसई और बीएसई ने कहा है कि वे अदाणी पावर को अल्पकालिक अतिरिक्त निगरानी उपाय ढांचे के तहत शामिल करेंगे। यहां गौर करने वाली बात है कि दोनों एक्सचेंजों ने 8 मार्च को अदाणी एंटरप्राइजेज, अदाणी विल्मर और अदाणी पावर को शॉर्ट-टर्म एएसएम के तहत रखा था। हालांकि, इन तीन शेयरों को 17 मार्च को शॉर्ट-टर्म एएसएम फ्रेमवर्क से बाहर कर दिया गया था। सर्कुलर के अनुसार, अदाणी पावर को शॉर्ट-टर्म एएसएम फ्रेमवर्क स्टेज- प् में शॉर्टलिस्ट किया गया है और यह आज से प्रभावी को गए हैं। इससे पहले अदानी समूह के शेयरों - अदानी ग्रीन एनर्जी और एनडीटीवी को दोनो एक्सचेंजों द्वारा लंबी अवधि के एएसएम ढांचे के पहले चरण में रखा गया था।
एनएसई और बीएसई ने कहा कि अदाणी पावर ने शॉर्ट-टर्म एएसएम के तहत शामिल करने के मानदंडों को पूरा किया है। एएसएम के तहत प्रतिभूतियों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए उच्च-निम्न भिन्नता, ग्राहक एकाग्रता, मूल्य बैंड हिट की संख्या और मूल्य-अर्जन अनुपात शामिल हैं।
एक्सचेंजों के मुताबिक, मार्जिन की लागू दर 50 प्रतिशत या मौजूदा मार्जिन जो भी अधिक हो, मार्जिन की अधिकतम दर 100 प्रतिशत के अधीन होगी। ये 24 मार्च, 2023 से सभी खुले पदों पर होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस ढांचे में डालने का मतलब है कि कंपनी को इंट्रा-डे ट्रेडिंग के लिए 100 फीसदी अपफ्रंट मार्जिन की जरूरत होगी।
हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की वजह से अदाणी समूह के साथ-साथ गौतम अदाणी पर भी इसका असर देखने को मिला है। ड3ड हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार, अदाणी को पिछले साल की तुलना में हर हफ्ते 3,000 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है, जिससे उनका कुल नेटवर्थ 60 प्रतिशत कम हो गया है। वर्तमान समय में अदाणी की कुल संपत्ति 53 बिलियन अमरीकी डॉलर आंकी गई है।