सोनिया शर्मा
सहारनपुर। सहारनपुर की सदर बाजार थाना पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। वर्ष 2014 से फरार चल रहा एक 25 हजार के इनामी को पुलिस ने इटावा से गिरफ्तार किया है। आरोपित ने वर्ष 2014 में फर्जी लोकसेवक बनकर सहायक महानिरीक्षक निबंधक सहारनपुर से एक सूचना मांगी थी। बाद में मामले की जांच की गई तो आरोपित लोकसेवक नहीं, बल्कि आम व्यक्ति था। जिसके बाद उसके खिलाफ धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। आरोपित के भाई ने भी ऐसा ही किया था। भाई अभी फरार चल रहा है।
भाई को तलाश रही पुलिस
सदर बाजार थाना प्रभारी प्रभाकर केंतुरा ने बताया कि वर्ष 2014 में सहायक महानिरीक्षक निबंधक सहारनपुर निरंजन कुमार ने एक मुकदमा दर्ज कराया था कि राजेंद्र सिंह ने उनके विभाग से संबंधित एक सूचना मांगी। सूचना बेहद गोपनीय थी। अधिकारियों के आदेश पर सूचना देने से पहले एक जांच की गई कि सूचना मांगने वाला कौन है, क्योंकि राजेंद्र सिंह ने खुद को प्रदेश सरकार में लोकसेवक बताया था। जांच हुई तो पता चला कि राजेंद्र सिंह कोई जो असली लोकसेवक है उसने कोई सूचना नहीं मांगी है।
इटावा का रहने वाला था अमानउल्ला
पता चला कि अमानउल्ला खां पुत्र लतीफ खां निवासी 159 साबित गंज थाना कोतवाली इटावा शहर जिला इटावा और अमानउल्ला खां के भाई हनीफ उर्फ आलमगीर पुत्र लतीफ खां ने यह सूचना मांगी थी। जिसके बाद दोनों भाइयों के खिलाफ सदर बाजार थाने में सहायक महानिरीक्षक निबंधक सहारनपुर निरंजन कुमार की तरफ से धोखाधड़ी और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। हालांकि पुलिस ने यह सार्वजनिक नहीं किया है कि क्या सूचना मांगी गई थी।
25 हजार रुपये का इनाम
थाना प्रभारी सदर बाजार ने लगातार फरार रहने के कारण दोनों भाइयों पर एसएसपी सहारनपुर की तरफ से 25-25 हजार रुपये इनाम घोषित किया गया था। अब पुलिस ने एक सूचना पर इटावा की ममता साड़ी सेंटर निकट नगर पालिका चौक से आरोपित अमानउल्ला को गिरफ्तार किया है। आरोपित को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया है।