नई दिल्ली। सनातन धर्म में तुलसी के पौधे का विशेष महत्व है। इस पौधे को ज्योतिष शास्त्र में बेहद शुभ माना गया है। तुलसी में मां लक्ष्मी का वास होता है। इस पौधे के पास सुबह और शाम दीपक जलाने और पूजा-अर्चना करने का विधान है। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है और धन की कभी कमी नही होती है। साथ ही जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कहा जाता है कि तुलसी पूजा के दौरान नियमों का पालन न करने से मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं और घर में कंगाली आती है। चलिए जानते हैं तुलसी पूजा के नियम और पूजा से होने वाले फायदों के बारे में।
तुलसी पूजा के नियम
- सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठे और अपने इष्ट देवी-देवता के ध्यान से दिन की शुरुआत करें।
- इसके बाद स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें।
- तुलसी में जल अर्पित करें।
- तुलसी को सिंदूर लगाएं और फूल अर्पित करें।
- तुलसी के पास घी का दीपक जलाएं।
- तुलसी स्तोत्र पाठ और तुलसी आरती करें।
- इसके बाद फल और मिठाई का भोग लगाएं।
- अंत में प्रसाद का वितरण करें।
तुलसी पूजा के लाभ
- तुसली की पूजा करने से सदैव बरकत होती है।
- भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- घर में खुशियों का आगमन होता है।
- दुखों से छुटकारा मिलता है।
- बुरी शक्तियां दूर होती हैं।
तुलसी पूजा का महत्व
सनातन धर्म में तुलसी पूजन का अहम महत्व है। मान्यता है कि रोजाना विधिपूर्वक तुलसी की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है और व्यक्ति को जीवन में कभी धन की कमी का सामना नही करना पड़ता है। साथ ही घर में मां लक्ष्मी का वास होता है।