सोनिया शर्मा
नई दिल्ली। भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन ब्लॉक के नेता शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में 146 विपक्षी सांसदों के निलंबन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। गुरुवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए गए संसद के शीतकालीन सत्र से निलंबित सांसद सुबह 11 बजे जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। साथ ही आज कांग्रेस पार्टी की ओर से सभी जिला मुख्यालयों पर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का भी कार्यक्रम तय किया गया है। निलंबित सांसदों में शामिल कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने गुरुवार को कहा कि ब्लॉक का शुक्रवार का विरोध सभी राज्यों में किया जाएगा। उन्होंने कहा, विरोध करना उचित है और हम सभी दिल्ली में जंतर मंतर पर होंगे। इंडिया गठबंधन का विरोध कल (शुक्रवार) सुबह सभी राज्यों में होगा, क्योंकि हम जनता को दिखाना चाहते हैं कि क्या वे इस तरह से संसद चलाएंगे और विपक्ष की बात नहीं सुनेंगे तो वे लोकतंत्र को बर्बाद कर देंगे।ष्
एनडी गुप्ता, संदीप पाठक, संत बलबीर सीसेवाल और संजीव अरोड़ा सहित आम आदमी पार्टी के सांसद आज प्.छ.क्.प्.। ब्लॉक के विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे। कुल 146 सांसद - लोकसभा से 100 और राज्यसभा से 46 - वर्तमान में दोनों सदनों में हंगामा करने और कार्यवाही में बाधा डालने के लिए निलंबित हैं, जबकि वे संसद सुरक्षा उल्लंघन के बारे में केंद्रीय मंत्री अमित शाह से बयान की मांग कर रहे थे।
इससे पहले गुरुवार को राज्यसभा के 262वें सत्र के समापन के बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्हें यह बताते हुए दुख हो रहा है कि टाले जा सकने वाले व्यवधानों के कारण उच्च सदन के लगभग 22 घंटे बर्बाद हो गए। राज्यसभा सभापति ने कहा, मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि टाले जा सकने वाले व्यवधानों के कारण लगभग 22 घंटे बर्बाद हो गए, जिससे हमारी कुल उत्पादकता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने सभी को क्रिसमस और नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा, मैं आशवस्त हूं कि केवल मैं ही नहीं बल्कि बहुत ऐसे लोग हैं जिन्हें इस बात की उम्मीद है कि 2024 समग्र राष्ट्र निर्माण में बड़ी भूमिका निभाएगा। इसके साथ ही सदन भी सकारात्मक रोल अदा करता रहेगा। इससे पहले गुरुवार को जब लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही चल रही थी, तब निलंबित सांसदों ने विपक्षी सांसदों के थोक निलंबन के विरोध में संसद भवन से विजय चौक तक मार्च निकाला। विरोध मार्च में हिस्सा लेते हुए सीपीआई (एम) के जॉन ब्रिटास ने कहा, केंद्र को अब यह कहने के लिए संविधान में संशोधन करना चाहिए कि भारत एक राजशाही है। उन्होंने एएनआई से बात करते हुए कहा, ष्हम लोकतंत्र की क्रूर हत्या के खिलाफ विरोध कर रहे हैं; लोकतंत्र की हत्या कर दी गई है। आप केंद्रीय गृह मंत्री को एकतरफा देख सकते हैं। यह विपक्ष-मुक्त संसद है। उन्हें (केंद्र) अब यह कहने के लिए संविधान में संशोधन करना चाहिए कि भारत एक राजशाही देश है।