सोनिया शर्मा
नई दिल्ली । कोविड़-19 में मजबूरी में शुरू हुआ वर्क फ्रॉम होम अब कर्मचारियों को इतना भा गया है, कि वे ऑफिस आना ही नहीं चाहते। इसकारण जिन कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम समाप्घ्त कर दिया है, वहां नौकरी छोड़ने वाले कर्मचारियों की संख्घ्या बढ़ गई है। वहीं, दूसरी ओर जिन कंपनियों में अभी भी वर्क फ्रॉम होम लागू है, उसमें इस्घ्तीफा देने वाले कर्मचारियों की संख्घ्या कम है। सर्वेक्षण के अनुसार, घर से काम खत्म करने वाली कंपनियों ने इस साल इस्तीफे में बढ़ोतरी देखी है। सर्वेक्षण के डेटा से पता चलता है कि अगस्त में वर्क फ्रॉम होम समाप्त करने वाली कंपनियों के लिए एट्रिशन 29 फीसदी था। इसके विपरीत, जिन कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम की अनुमति दी थी या हाइब्रिड वर्क मॉडल का पालन किया, उनमें केवल 19 फीसदी एट्रिशन दर्ज किया गया।
सर्वेक्षण में 700 से अधिक कंपनियों को शामिल किया था। रिपोर्ट के अनुसार, इसमें घर की बजाय ऑफिस से कामकाज कराने वाली कंपनियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। देश में केवल 9 फीसदी कंपनियां ही अगस्त 2022 में पूरी तरह से अपने कर्मचारियों से वर्क फ्रॉम होम करवा रही थीं। जनवरी में 38 फीसदी कंपनियों के कर्मचारी ऑफिस के बजाय घर बैठकर काम कर रहे थे। सर्वे से साफ है कि कर्मचारियों की पहली प्राथघ्मिकता घर से ही काम करना है। इसकारण जिन कंपनियों ने ऑफिस आकर काम करना अनिवार्य किया है वे अपने कर्मचारियों को अपने साथ जोड़े रखने में कमजोर पड़ रही हैं।