सुनील शर्मा
कोलकाता । बंगाल के क्रिकेटर से रानीतिज्ञ बने मनोज तिवारी ने गुरुवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया। 37 साल के मनोज तिवारी ने खेल को अलविदा कहने की बात सोशल मीडिया पर भी प्रशंसकों के साथ साझा की। इस बल्लेबाज ने लिखा, क्रिकेट के खेल को अलविदा। इस खेल ने मुझे सब कुछ दिया है, मेरा मतलब है कि वह सब कुछ जो मैंने कभी सपने में नहीं सोचा था। तिवारी ने 2008 में ब्रिस्बेन में एकदिवसीय मैच से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था पर वह रन नहीं बना पाये थे। इसके बाद उन्हें तीन-चार साल के बाद खेलने का अवसर मिला। उन्होंने चेन्नई में वेस्टइंडीज के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना एकमात्र शतक लगाया। साल 2012 में वह एकदिवसीय टी से भी बाहर हो गये। इसके बाद वह केवल चार और अवसरों पर ही भारत की ओर से खेल पाये। जिसमें 2015 में जिम्बाब्वे में एक श्रृंखला भी शामिल थी। कुल मिलाकर उन्होंने राष्ट्रीय टीम के लिए 12 एकदिवसीय और 3 टी20 मैच खेले। तिवारी ने राष्ट्रीय टीम से बाहर होने के बावजूद लगातार घरेल क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया है और हाल ही में रणजी ट्रॉफी फाइनल में बंगाल टीम की कप्तानी भी की। अपने शानदार प्रथम श्रेणी करियर में दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 48.56 की औसत से 29 शतक बनाए और 9900 से अधिक रन बनाए। इसमें जनवरी 2022 में हैदराबाद के खिलाफ बनाया गया 303 रनों की पारी भी शामिल है। इस बल्लेबाज ने आईपीएल में भी 98 मैच भी खेले और 2012 के फाइनल में चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ कोलकाता नाइट राइडर्स की ओर से विजयी रन बनाए।