सोनिया शर्मा
नई दिल्ली । लोकसभा में धमाचौकड़ी मचाने वाले आरोपियों का मंसूबा पूरे देश में आराजकता पैदा करने का था। साथ ही अपनी मांगे मनवाने के लिए सांसदों को मजबूर करना था। यह जानकारी आरंभिक जांच के बाद पुलिस ने कोर्ट में दी। स्मोक क्रैकर के साथ संसद में कूदे लोगों से जुड़े मामले में जांचकर्ताओं ने दिल्ली की एक अदालत को बताया कि संसद की सुरक्षा में चौंकाने वाला खतरा पैदा करने के लिए जिम्मेदार समूह देश में अराजकता पैदा करना चाहता था। उनका इरादा सरकार को अपनी ‘अवैध’ मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर करना था। अब जांच का फोकस पांचवें आरोपी ललित मोहन झा पर केंद्रित हो गया है। जिसे साजिश के पीछे का दिमाग बताया गया। सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजे गए झा ने गुरुवार देर रात गिरफ्तार होने से पहले पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल अब कथित तौर पर ललित झा से जुड़े दो लोगों की भूमिका की जांच कर रही है, जिनकी पहचान राजस्थान के नागौर के रहने वाले दो भाइयों कैलाश कुमावत और महेश कुमावत के रूप में हुई है।
इस संबंध में जांचकर्ताओं ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर को एक रिमांड पत्र सौंपा। जिसमें कहा गया कि झा ने कथित तौर पर मामले में खुद के शामिल होने की बात कबूल कर ली है। इस मामले से परिचित लोगों के मुताबिक रिमांड आवेदन से पता चला कि सभी आरोपी कई बार मिले और साजिश को अंजाम दिया। पुलिस द्वारा पेश आवेदन में कहा गया कि ‘झा ने खुलासा किया कि वे देश में अराजकता पैदा करना चाहते थे ताकि वे सरकार को अपनी अवैध मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर कर सकें।’ गौरतलब है कि बुधवार को लोकसभा में हुई घुसपैठ 2001 के संसद हमले की बरसी पर हुई। इस मामले में पकड़े गए सभी आरोपियों ने सबसे पहले स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह को समर्पित एक फेसबुक पेज के सदस्यों के रूप में बातचीत शुरू की। बाद में उन्होंने भाजपा के सांसद प्रताप सिम्हा से हासिल विजिटर पास का उपयोग करके संसद में कथित हमले को अंजाम दिया।
पूछताछ के दौरान ललित झा ने पुलिस को बताया कि संसद में घुसपैठ के कुछ घंटों बाद उसने सभी पांच मोबाइल फोन नष्ट कर दिए थे। उसने दावा किया कि उसने कुछ फेंक दिया और कुछ जला दिया। एक जांच अधिकारी ने कहा कि झा ने समूह के चौट और संचार के संबंध में सबूत की संभावना को खत्म करने के लिए फोन को नष्ट कर दिया। रिमांड आवेदन में कहा गया है कि झा पर संदेह था कि जब वह बस से जयपुर गया था तो उसने मोबाइल फोन नष्ट कर दिए थे। हालांकि उसने दिल्ली वापस आते समय अपना फोन कहीं फेंकने की बात कबूली थी।