लंदन। हम जो आसमान में बादल देखते हैं तो हमारे मन में कई सवाल उठते हैं। कभी दूध की तरह सफेद तो कभी ज़रा सा स्लेटी रंग लिए हुए ये बादल रुई जैसे और बहुत प्यारे लगते हैं। देखकर तो लगता है कि इन्हें छू लिया आए। ये बादल कैसे चलते है ये कितने भारी या हल्के होते हैं। हमें लगता है कि ये बादल हल्के-फुल्के होंगे। ऐसे ही कुछ दिलचस्प सवाल हमारे मन उठते हैं। आपको यकीन न हो लेकिन बादल का वज़न कम से कम 100 हाथियों के बराबर होता है। अजीब ज़रूर लग रहा होगा लेकिन बादल का औसत वज़न ही 1.1 मिलियन पाउंड यानि करीब 450 हज़ार किलोग्राम होता है। इसके बावजूद ये हवा में टिके कैसे रहते हैं? आखिर वो क्या चीज़ है, जो इसे ज़मीन पर गिरने नही देती है। वैज्ञानिकों की मानें तो हवा में हर तरफ मौजूद वाष्प के रूप में पानी गर्म हवा से ऊपर उठता है। जब ये ठंडा होने लगता है, तो इसमें जमा पानी की छोटी-छोटी बूंदों के आकार में इकट्ठा हो जाता है. यही बूंदें पानी हैं। बादल में वज़न पानी का ही होता है। चूंकि बादलों में बनी बूंदों काफी छोटी होती हैं, ऐसे में ये गर्म हवा के सहारे आसमान में टिकी रहती हैं। जब तक ये आपस में मिलकर भारी नही हो जाती, तब तक ये नीचे नही आती। जब ये भारी हो जाती हैं, तो बारिश, ओले या बर्फ के तौर पर जमीन पर गिरती है बरसती हैं। बादल तब तक यूं ही तैरते रहते हैं, जब तक इनका रास्ता नही रुकता। रास्ता रुकने से बूंदों का दबाव बढ़ता है और बादल फटकर पानी जमीन पर गिरने लगता है जिस हम बारिश कहते हैं।