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अब रामायण,महाभारत के किरदारों पर उठाए सवाल /23 Nov 2023 12:15 PM/    74 views

फिर विवादों में फंसे स्वामी प्रसाद मौर्य

सोनिया शर्मा
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर धार्मिक टिप्पणी कर विवाद पैदा कर दिया है। हिंदु धर्म ग्रंथों से खुन्नस खाकर राजनीति में खुद के पांव जमाने की कोशिश करने में लगे मौर्य ने कहा है कि बच्चों को सीता,द्रोपदी और शूर्पणखा जैसी महिलाओं की दुर्दशा का पढ़ाने से बेहतर है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस, महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर को पढ़ाया जाए। बता दें कि मौर्य ने बयान जारी कर पाठ्यपुस्तकों में रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों को शामिल करने के संबंध में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की 7 सदस्यीय समिति की सिफारिशों की निंदा की है।
जानकारी के मुताबिक, सोशल मीडिया पर स्वामी ने कहा, क्या एनसीईआरटी और सरकार पाठ्यक्रम में रामायण और महाभारत को शामिल करके सीता, शूर्पणखा और द्रौपदी जैसी महान महिलाओं की दुर्दशा को बढ़ावा देना चाहते हैं? जबकि सीता को अग्नि परीक्षा से गुज़रने के बाद भी पीड़ा झेलनी पड़ी, शूर्पणखा ने विवाह प्रस्ताव के बाद अपने नाक और कान कटवा लिए और द्रौपदी को निर्वस्त्र और अपमानित किया गया।मौर्य ने लिखा कि अगर बात पाठ्यक्रम में देश के नायकों के बारे में पढ़ाने की है तो एनसीईआरटी पाठ्यक्रम में महान वीर सपूतों, राष्ट्र निर्माताओं और नायकों के योगदान के बारे में प्रकाश डालें। उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस, महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर और अन्य पर पाठों को शामिल करने की वकालत की। उन्होंने कहा, अब यह ध्यान रखने की जरूरत है कि शंबूक का सिर और एकलव्य का अंगूठा दोबारा न काटा जाए। हाल ही में, सामाजिक विज्ञान के लिए स्कूली पाठ्यक्रम को संशोधित करने के लिए एनसीईआरटी द्वारा गठित एक उच्च-स्तरीय समिति ने पाठ्यपुस्तकों में रामायण और महाभारत को शामिल करने और कक्षा की दीवारों पर संविधान की प्रस्तावना लिखने की सिफारिश की है।

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