नई दिल्ली । मात्र पांच मिनट में घरेलू परीक्षण से दिल के दौरे के खतरे का पता लगा सकता है। यह दावा किया है स्वीडिश शोधकर्ता वैज्ञानिकों ने। गोथेनबर्ग विश्वविद्यालय में स्थित स्कैपिस जनसंख्या अध्ययन के डेटा का उपयोग वैज्ञानिकों ने किया और दिखाया कि घरेलू परीक्षण 50-64 वर्ष की आयु के लगभग दो-तिहाई लोगों की पहचान कर सकता है, जिनमें महत्वपूर्ण कोरोनरी एथेरोस्क्लेरोसिस है, जो हृदय रोग के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है।
होम टेस्ट में 14 प्रश्न शामिल हैं और इसे पूरा करने में पाँच से आठ मिनट लगते हैं। इसमें उम्र, लिंग, वजन, कमर की परिधि, धूम्रपान, उच्च रक्तचाप, उच्च रक्त वसा, मधुमेह और हृदय रोग के पारिवारिक इतिहास जैसे कारकों के बारे में पूछा जाता है।एक विशेष एल्गोरिथ्म का उपयोग करके, परीक्षण हृदय रोग के उच्चतम जोखिम वाले 65 प्रतिशत व्यक्तियों का पता लगा सकता है।परिणामों से पता चलता है कि हमारा होम टेस्ट रक्त परीक्षण और रक्तचाप माप का उपयोग करके क्लिनिक परीक्षा के समान सटीक है, प्रोफेसर बर्गस्ट्रॉम ने कहा। विशेषज्ञ ने कहा, स्वास्थ्य सेवा में इस परीक्षण को व्यापक रूप से उपलब्ध कराने से हृदयाघात के उच्च जोखिम वाले या वर्तमान में उपचाराधीन लोगों की पहचान करके जीवन बचाया जा सकता है तथा पीड़ा को रोका जा सकता है। यह अध्ययन स्कैपिस में शामिल 50-64 वर्ष की आयु के 25,000 व्यक्तियों के डेटा पर आधारित है। प्रतिभागियों की कोरोनरी धमनियों की जांच एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनी की दीवारों में और उस पर वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों का निर्माण) की डिग्री का आकलन करने के लिए कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी) का उपयोग करके की गई थी।
हृदय की छवियों की तुलना पूर्ण प्रश्नावली से करके, शोधकर्ताओं ने एथेरोस्क्लेरोसिस से जुड़े प्रमुख कारकों की पहचान की। वे अब विभिन्न समूहों में परीक्षण का मूल्यांकन करने के लिए स्वीडन और संयुक्त राज्य अमेरिका में आगे के अध्ययन कर रहे हैं। बीमारी होने से पहले जोखिम वाले लोगों की पहचान करना स्कैपिस पर स्वीडिश हार्ट लंग फाउंडेशन के फोकस का मुख्य लक्ष्य है। फाउंडेशन की महासचिव क्रिस्टीना स्पैरेलजंग ने कहा, एक ऐसा परीक्षण जो प्रारंभिक चेतावनी दे सकता है, वह कई लोगों की जान बचा सकता हैं।