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कई ट्रकों को मिली सीमा पार करने की अनुमति /24 Feb 2023 11:24 AM/    193 views

आतंकवाद को लेकर दोनों देशों के बीच हुई बात

पाकिस्तान। गुरुवार को पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की बंद की गई महत्वपूर्ण सीमा को कुछ घंटों के लिए खोलने के बाद दोबारा बंद कर दिया गया था। अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी थी। अफगानिस्तान के तालिबान शासकों ने रविवार को क्रॉसिंग को बंद कर दिया था। उन्होंने दावा किया कि इस्लामाबाद काबुल के साथ किए गए समझौते का पालन नहीं कर रहा था। इनके बीच समझौता हुआ था कि अफगान रोगी और उनके देखभाल करने वाले बिना किसी यात्रा दस्तावेज के पाकिस्तान आ सकते हैं।
 
कई ट्रकों को मिली सीमा पार करने की अनुमति
सोमवार को, अफगान तालिबान बलों और पाकिस्तानी सीमा प्रहरियों के बीच गोलीबारी हुई, जिसमें एक पाकिस्तानी सैनिक घायल हो गया। बुधवार को, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री, ख्वाजा मोहम्मद आसिफ और गुप्त सेवा प्रमुख, लेफ्टिनेंट जनरल अंजुम नदीम ने काबुल की यात्रा की और सीमा मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तालिबान के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की।
 
बैकलॉग को कम करने के लिए खोली गई सीमा
गुरुवार की सुबह, अफगान तालिबान बलों द्वारा तोरखम को फिर से खोल दिया गया, जिससे उन हजारों ट्रकों में से कुछ को अनुमति मिल गई, जो सीमा पर दिनों तक खड़े थे। इन ट्रकों में सब्जियों, फलों और अन्य खराब होने वाले खाद्य पदार्थों थे, इन्हें सीमा पार करने की अनुमति दी गई ताकि बैकलॉग को कम किया जा सकें।
 
ट्वीट शेयर कर दी गई जानकारी
पाकिस्तान के अफगान दूतावास ने सीमा के फिर से खुलने की जानकारी एक ट्वीट के जरिए शेयर की और वहीं, पाकिस्तान के ट्रक ड्राइवर बहुत खुश हैं क्योंकि अब उनके ट्रक खैबर दर्रे की ओर बढ़ रहे थे। हालांकि, क्रॉसिंग को कुछ घंटों के बाद बंद कर दिया गया था। पाकिस्तान-अफगानिस्तान ज्वाइंट चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के निदेशक जियाउल हक सरहदी ने कहा कि पाकिस्तान प्रशासनिक मुद्दों के कारण सीमा पार करने में असमर्थ था। अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत के मीडिया सेंटर ने ट्विटर पर कहा, “इस्लामिक अमीरात के अधिकारियों द्वारा आज सीमा खोले जाने के बाद पाकिस्तानी पक्ष ने तोरखम गेट को बंद कर दिया है।“
 
महत्वपूर्ण क्रॉसिंग है तोरखम सीमा
पाकिस्तान के लिए, तोरखम सीमा क्रॉसिंग एक महत्वपूर्ण व्यावसायिक आर्ट्री और मध्य एशियाई देशों के लिए एक व्यापार मार्ग है। इसी बीच इस्लामाबाद ने अफगान तालिबान पर पाकिस्तानी आतंकवादियों को आश्रय देने का आरोप भी लगाया है, जिनके सीमा पार हमलों के कारण पाकिस्तान में हिंसा में वृद्धि हुई है।
 
आतंकवाद को लेकर दोनों देशों के बीच हुई बात
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि काबुल में उसके प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार की वार्ता के दौरान क्षेत्र में आतंकवाद के बढ़ते खतरे को भी उठाया, इसमें विशेष रूप से पाकिस्तानी तालिबान द्वारा, जिसे तहरीक-ए तालिबान-पाकिस्तान या टीटीपी और इस्लामिक स्टेट समूह के रूप में पहचाने जाने वाले समूह को लेकर बातचीत हुई। पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने तालिबान से कहा है कि वो पाकिस्तानी तालिबान आतंकवादियों को अफगानिस्तान के भीतर से पाकिस्तान पर हमले करने से रोके।
 
पाकिस्तान पर हमला करने की हो रही प्लानिंग
अधिकारियों ने कहा कि यह मांग अत्यावश्यक है क्योंकि पाकिस्तानी तालिबान कथित तौर पर मार्च में आक्रमण करने की योजना बना रहा है। पाकिस्तान ने हाल ही में चेतावनी दी है कि यदि तालिबान प्रशासन उग्रवादियों पर लगाम लगाने में विफल रहता है, तो उसे अफगानिस्तान में टीटीपी के अभयारण्यों को निशाना बनाने का अधिकार है, जिससे सीमा पार हिंसा की संभावना बढ़ जाती है।

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