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सेहत पर नही होगा बुरा असर /01 May 2024 04:35 PM/    7 views

रात को सोने से पहले यह जरूर करें

सोने और जागने के बीच भी दो बातें घटित होती हैं- पहला स्वप्न देखना और दूसरा सुषुप्ति अर्थात गहरी नीद में सो जाना।
आप जीवन में कई काम ही करते हैं, लेकिन इन्हें अच्छे से मैनेज नही कर पाते हैं। लेकिन यदि आपने सिर्फ सोने को ही अच्छे से मैनेज कर लिया तो आपने आधा कार्य कर लिया, क्योंकि हम कम से कम 6 से 7 घंटे सोते हैं। तो यह जानना जरूरी है कि सोने से पहले क्या करना चाहिए, क्योंकि इसी पर हमारा भविष्य टिका हुआ है।
  • जिस बिस्तर पर हम 6 से 7 घंटे रहते हैं यदि वह हमारी मनमर्जी का है तो शरीर के सारे संताप मिट जाते हैं। दिनभर की थकान उतर जाएगी। अतः बिस्तर सुंदर, मुलायम और आरामदायक तो होना ही चाहिए, साथ ही वह मजबूत भी होना चाहिए। चादर और तकिये का रंग भी ऐसा होना चाहिए, जो हमारी आंखों और मन को सुकून दें।
  • सोने से पूर्व प्रतिदिन कर्पूर जलाकर सोएंगे तो आपको बेहद अच्घ्छी नींद आएगी और साथ ही हर तरह का तनाव खत्म हो जाएगा। कर्पूर के और भी कई लाभ होते हैं।
  • सोने से पूर्व आप बिस्तर पर वे बातें सोचें, जो आप जीवन में चाहते हैं। जरा भी नकारात्मक बातों का खयाल न करें, क्योंकि सोने के पूर्व के 10 मिनट तक का समय बहुत संवेदनशील होता है जबकि आपका अवचेतन मन जाग्रत होने लगता है और उठने के बाद का कम से कम 15 मिनट का समय भी बहुत ही संवेदनशील होता है। इस दौरान आप जो भी सोचते हैं वह वास्तविक रूप में घटित होने लगता है।
  • आप सोने जा रहे हैं तो यह भी तय करें कि आपके पैर किस दिशा में हैं। दक्षिण और पूर्व में कभी पैर न रखें। पैरों को दरवाजे की दिशा में भी न रखें। इससे सेहत और समृद्धि का नुकसान होता है। पूर्व दिशा में सिर रखकर सोने से ज्ञान में बढ़ोतरी होती है। दक्षिण में सिर रखकर सोने से शांति, सेहत और समृद्धि मिलती है।
  • झूठे मुंह और बगैर पैर धोए नही सोना चाहिए।
  • अधोमुख होकर, दूसरे की शय्या पर, टूटे हुए पलंग पर तथा गंदे घर में नही सोना चाहिए।
  • कहते हैं कि सीधा सोए योगी, डाबा सोए निरोगी, जीमना सोए रोगी। शरीर विज्ञान कहता है कि जीमना सोने से रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचता है जबकि औंधा सोने से आंखों को नुकसान होता है।
  • सोने से 2 घंटे पूर्व रात का खाना खा लेना चाहिए। रात का खाना हल्का और सात्विक होना चाहिए।
  • अच्छी नीद के लिए खाने के बाद वज्रासन करें, फिर भ्रामरी प्राणायाम करें और अंत में शवासन करते हुए सो जाएं।

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