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6 गोलियां हुईं थी आर-पार /26 Feb 2023 11:01 AM/    348 views

शूटर उमेश पाल को जिदां नही छोडना चाहते थे

पवन शर्मा
  प्रयागराज । शार्प शूटरों ने उमेश पाल को गोलियों से छलनी कर दिया था। पिस्टल और रायफल से उन पर गोलियां बरसाई गईं, जिसमें उन्हें सात गोली लगी। छह गोली शरीर को भेदते हुए आरपास हो गई, जबकि एक गोली फंस गई थी। दोनों सरकारी गनर को भी दो-दो गोली मारी गई। शनिवार को शवों का पोस्टमार्टम हुआ तो उमेश की हालत देख डाक्टर भी हतप्रभ रहे गए।
 
माना जा रहा है कि शूटर अपने टारगेट उमेश को किसी भी हाल में जिंदा नहीं छोड़ना चाहते थे और इसीलिए उन पर एक-एक कर कई गोली दागी गईं। गनर संदीप निषाद को दो गोलियां लगीं। इसमें पेट में लगी गोली घातक हो गई। हालांकि डाक्टरों के पैनल ने मौत का कारण हैमरेजिंग शॉक माना। उमेश पाल और संदीप निषाद का पोस्टमार्टम से पहले दोनों मृतकों के शरीर में एक-एक गोली फंसी होने की पूर्व जानकारी के चलते एक्स-रे कराया गया। इसके लिए शवों को एंबुलेंस से पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच एक्स-रे सेंटर ले जाया गया।
सभी कागजी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद दोपहर करीब ढाई बजे पोस्टमार्टम शुरू हुआ। दो डाक्टरों के पैनल ने पाया कि उमेश पाल के शरीर में एक गोली नाक पर, एक गर्दन पर, दो गोलियां पेट में, एक पीठ में, एक गोली जांघ और एक पैर में लगी थी। संभावना जताई गई कि गोलियां प्वाइंट 762 बोर की थीं और पिस्टल व रिवाल्वर से गोली मारी गई थी। वहीं संदीप निषाद को एक गोली बाएं हाथ पर कंधे के नीचे और दूसरी पेट में लगी थी। सिपाही के शरीर पर बम का आंशिक प्रभाव पड़ा था। हालांकि बम का यह प्रभाव इतना नहीं था जिससे मौत हो।
 
शूटरों ने अतीक के घर पास छोड़ी थी कार
उमेश पाल और उनके गनर की हत्या करने के बाद शूटरों ने माफिया अतीक के घर के पीछे अपनी कार लावारिस हालत में छोड़कर भाग निकले थे। शनिवार को पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त कार को बरामद कर लिया। सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि वारदात को अंजाम देने के बाद शूटर चौफटका होते हुए चकिया पहुंचे थे। इसके बाद किसी दूसरे वाहन से अलग-अलग रास्ते से पिपरी कौशांबी की तरफ भाग निकले।
 
इसी आधार पर पुलिस और एसटीएफ की टीम दिनभर पीपलगांव, झलवा और एयरपोर्ट के पास कांबिंग करती रही। अतीक का पुश्तैनी मकान खुल्दाबाद थाना क्षेत्र के चकिया मोहल्ले में है। बिना नक्शा पास कर बनाए गए मकान को पुलिस, प्रशासन और पीडीए की टीम ने ढहा दिया है। मुख्य गेट की तरफ रास्ता चौड़ा है, जबकि उसके पीछे की गली संकरी है। शनिवार को कुछ लोगों ने देखा कि एक कार खड़ी है।
 
कई घंटे बाद भी कार अपनी जगह से नहीं हटी तो संदेह हुआ, जिस पर पुलिस को खबर मिल गई। कुछ ही देर में पुलिस और एसओजी की टीम वहां पहुंच गई और कार को बरामद कर लिया। इसके बाद सीसीटीवी फुटेज से कार का मिलान कराया, जिसके बाद पाया गया कि वारदात में जिस कार का इस्तेमाल हुआ था, वही है।
यहां मिले इनपुट के आधार पर पुलिस टीम ने अपनी छानबीन को आगे बढ़ाते हुए राजरूपुर, कालिंदीपुरम, 60 फीट रोड और 120 फीट रोड पर लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला तो सुराग मिला। हालांकि तस्वीरें स्पष्ट नहीं थीं, लेकिन तेजी से जाने वाले युवकों की हरकतों से माना गया कि वह वारदात में शामिल थे।

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