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1 जनवरी से बदल जाएंगे बैंकों के नियम नहीं कर सकेंगे मनमानी

नए नियमों के तहक बैंकों को खाली लॉकरों की लिस्ट और वेटिंग लिस्ट दिखानी जरूरी होगी

20 Dec 2022 03:11 PM 526 views

 1 जनवरी से बदल जाएंगे बैंकों के नियम नहीं कर सकेंगे मनमानी

सोनिया शर्मा
नई दिल्ली । नए साल की शुरुआत होने वाली है। अगर आपका किसी बैंक में लॉकर है या आप लॉकर लेने की योजना बना रहे हैं तो बैंकों के नए नियम  को जानना जरूरी है। दरअसल बैंक लॉकर लेकर बनाए गए नियमों में से कई में बदलाव होने जा रहे हैं जो एक जनवरी 2023 से दिखाई देने लगेंगे। आरबीआई की संशोधित अधिसूचना के मुताबिक नए नियम लागू होने के बाद बैंकों की मनमानी पर लगाम लगेगी और साथ ही ग्राहकों को नुकसान की स्थिति में अपनी जिम्मेदारी से मुंह नहीं फेर सकेगा। भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक समेत देश के अन्य बैंक अपने ग्राहकों को इन बदलावों की जानकारी दे रहे हैं। ये बैंक अपने ग्राहकों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस के जरिए नए नियमों की जानकारी साझा कर रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से कहा गया है कि नए नियमों के तहक बैंकों को खाली लॉकरों की लिस्ट और वेटिंग लिस्ट दिखानी जरूरी होगी। इसके अलावा बैंकों के पास लॉकर के लिए ग्राहकों से एक बार में ज्यादा से ज्यादा तीन साल का किराया लेने का अधिकार होगा। किसी ग्राहक को नुकसान होने की स्थिति में बैंक की शर्तों का हवाला देकर अब मुकरा नहीं जा सकेगा बल्कि ग्राहक की पूरी भरपाई हो सकेगी। 
गौरतलब है कि आरबीआई के संशोधित नियमों के मुताबिक बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके द्वारा कराए गए लॉकर एग्रीमेंट में कोई अनुचित शर्त तो शामिल नहीं हैं जिससे ग्राहक को नुकसान होने पर बैंक आसानी से किनारा कर सके। दरअसल आरबीआई ने बैंक ग्राहकों के हितों की सुरक्षा के लिए नियमों में ये बदलाव घ्किया है कि बैंक एग्रीमेंट में दर्शाई गई शर्तों का हवाला देते हुए अपनी जिम्मेदारियों से किनारा कर लेते हैं। लॉकर एग्रीमेंट को आसान शब्दों में समझने के लिए पंजाब नेशनल बैंक के करार को देखते हैं। इसके मुताबिक किसी ग्राहक को लॉकर आवंटित करते समय बैंक उस ग्राहक के साथ एक एग्रीमेंट करता है। इसके तहत जिस ग्राहक को लॉकर दिया जाता है वो विधिवत मुहर लगे कागज पर ये समझौता करता है। दोनों पार्टी द्वारा हस्ताक्षरित लॉकर समझौते की एक प्रति लॉकर को किराए पर लेने वाले जबकि ओरिजनल कॉपी उस बैंक की शाखा के पास रहती है जिसमें दिया गया लॉकर मौजूद होता है। आरबीआई के अनुसार बैंक की लापरवाही के चलते लॉकर में रखी सामग्री के किसी भी नुकसान के मामले में बैंक भुगतान करने के पात्र होंगे।