सोनिया शर्मा
नई दिल्ली । चंद्रयान -3 ने सफलता की सीढ़ियां पार करते हुए चंद्रमा की कक्षा में अपना स्थान बना लिया है। इसरो से मिली जानकारी के अनुसार यह मिशन अब कामयाबी की ओर अग्रसर है। इसरो ने कहा कि भारत का महत्वाकांक्षी मून मिशन चंद्रयान-3 लगातार अपने मिशन की ओर आगे बढ़ रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के मुताबिक पांच अगस्त को चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में स्थापित हो गया है। ये भारत का तीसरा चंद्रयान मिशन है जिसे चंद्रमा पर भेजा गया है। चंद्रमा के रहस्यों को जानने की दिशा में भारत लगातार कोशिशें कर रहा है। इस सतह का बार बार अवलोकन करने वाले दो रोबोटिक अंतरिक्षयान भेजकर अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है। भारत वर्ष 2008 में चंद्रमा की सतह पर पहुंचने वाला चौथा देश बना है। इसके बाद 2009 में चंद्रयान 1 ने चंद्रमा पर पानी की खोज की है। चंद्रयान 2 मिशन का मिशन का ऑर्बिटर पिछले चार वर्षों से लगातार काम कर रहा है। वहीं अब 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से चंद्रयान 3 की सफलतम उड़ान से पूरा भारत गौरवान्वित है। अंतरिक्ष की फील्ड में अब चंद्रयान 3 पहुंच गया है। भारत का चंद्रयान 3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट लैंडिंग कर दुनिया के पहले मिशन के तौर पर इतिहास रचने को भी तैयार है। गौरतलब है कि 14 जुलाई को दोपहर 2ः35 मिनट पर एलएमवी 3 एम 4 रॉकेट ने सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के श्रीहरिकोटा के दूसरे लॉन्च पैड से उड़ान भरी थी, जिसके बाद चंद्रयान 3 को सफलता के साथ प्रक्षेपित किया गया था। इस उड़ान के साथ ही चंद्रयान 3 अपनी ऐतिहासिक यात्रा पर भी निकल चुका था जहां उसे इतिहास रचना है। इस लॉन्च के बाद इसरो ने कहा कि अंतिरक्ष यान की स्थिति पूरी तरह से सामान्य है। वहीं चंद्रयान 3 की सफलतम लॉन्च के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिकों के अथक समर्पण की सराहना की और कहा कि चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखा है। यह हर भारतीय के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को ऊपर उठाते हुए ऊंची उड़ान भरता है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अधक समर्पण का प्रमाण है।
बता दें कि चंद्रयान 3 मिशन भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है जो कि देश की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाने का काम करेगा। चंद्रमा पर अब तक अमेरिका, सोवियत संघ और चीन ही उतर सके है। भारत ने अगर दक्षिणी ध्रुव पर उतरने में सफलता हासिल की तो ये एक नया इतिहास बन जाएगा। अब तक दक्षिणी ध्रुव पर कोई देश लैंड नहीं कर सका है। गौरतलब है कि ये मिशन बेहद खास है क्योंकि चंद्रयान-3 चंद्रमा के रहस्यों से पर्दा हटाने में भी मदद करेगा और नई जानकारियां भी मिलेंगी।