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ऐसे में कुछ वॉर्निंग साइन्स की मदद से इनकी पहचान की जा सकती है /14 Mar 2024 02:38 PM/    27 views

इन दिनों बच्चों में किडनी डिजीज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं

 नई दिल्ली।  किडनी हमारे शरीर का एक बेहद महत्वपूर्ण अंग है। यह हमें हेल्दी बनाने के लिए कई कार्य करती है। यह शरीर से वेस्ट चीजें बाहर निकालकर खून साफ करने में मदद करती है। साथ ही किडनी हमारे ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में भी मदद करती है। कुल मिलाकर किडनी हमारे पूरे शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद भूमिका निभाती है। ऐसे में इसके स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 14 मार्च को वर्ल्ड किडनी डे मनाया जाता है। इन दिनों तेजी से बदलती लाइफस्टाइल और खानपान की गलत आदतों की वजह से लोग कई समस्याओं का शिकार हो जाते हैं। किडनी से जुड़ी समस्याएं इन दिनों लोगों को अपनी चपेट में ले रही हैं। खासकर बच्चे इन दिनों तेजी से किडनी से जुड़ी समस्याओं से प्रभावित हो रहे हैं। इसलिए जरूरी है कि समय रहते इसकी पहचान कर सही इलाज किया जाए। किडनी से जुड़ी बीमारियां शरीर में कई लक्षणों के रूप में नजर आती हैं। ऐसे में गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला हॉस्पिटल में नेफ्रोलॉजी सलाहकार डॉ. मोहित खिरबत बच्चों में किडनी की बीमारी के कुछ संकेतों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
बच्चों में किडनी की बीमारी के शुरुआती संकेतों के बारे में बताते हुए डॉक्टर रहते हैं कि बच्चों में यह चेतावनी कई अलग-अलग रूप में नजर आती हैं, जैसे पेशाब करने की आदतों में बदलाव, बार-बार पेशाब आना, पेशाब कम होना या पेशाब में खून आना। इसके अलावा सूजन, विशेष रूप से हाथ, पैर या चेहरे में, थ्सनपक त्मजमदजपवद के कारण हो सकती है। यह स्थिति अक्सर आंखों के आसपास लगातार सूजन के साथ होती है।

किडनी डिजीज के संकेत
इसके अलावा ऐसे बच्चे जो आमतौर पर स्वस्थ हैं, हाई ब्लड प्रेशर अंतर्निहित किडनी समस्याओं का संकेत हो सकता है। साथ ही कमजोरी, थकावट और विकास की कमी भी गंभीर संकेत हो सकते हैं। अगर आपके बच्चों को हड्डियों और जोड़ों की समस्याएं जैसे हड्डियों में दर्द या फ्रैक्चर और साथ में एनीमिया, मतली और भूख में कमी हो रही हैं, तो यह किडनी डिस्फंक्शन का संकेत हो सकता है।

यह भी ध्यान रखें
सांस लेने में समस्या और खुजली भी किडनी डिजीज के प्रारंभिक चेतावनी संकेत हो सकते हैं। ऐसे में शीघ्र पता लगाने और उचित इलाज की मदद से किडनी की बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है और बच्चे के जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है। इन संकेतों को पहचानना और आगे की जांच के लिए तुरंत बाल रोग विशेषज्ञ या बाल नेफ्रोलॉजिस्ट से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।

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