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मंगल पर जाना चाहता है मानव

क्या वहां महिला हो सकेंगी गर्भवती

30 Jul 2025 03:48 AM 14 views

मंगल पर जाना चाहता है मानव

संवाददाता
नई दिल्ली। मानव अब मंगल और अंतरिक्ष में रहने को आतुर है, लेकिन इसके साथ कई गंभीर सवाल भी हैं कि क्या अंतरिक्ष में कोई महिला गर्भवती हो सकती है और क्या वह वहां सुरक्षित तरीके से बच्चे को जन्म दे सकती है? मंगल में आने-जाने में इतना वक्त लग सकता है कि कोई महिला गर्भवती हो जाए या वहां रहते हुए बच्चे को जन्म दे लेकिन अंतरिक्ष में गर्भावस्था और प्रसव आज भी वैज्ञानिकों के लिए एक चुनौती बना हुआ है।
 
जानकारी के मुताबिक अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण बहुत कम होता है, जिसे माइक्रोग्रैविटी कहा जाता है। इस स्थिति में शरीर का संतुलन और अंग प्रभावित होते हैं। हालांकि भू्रण गर्भ में एमनियोटिक द्रव में तैरता है, जिससे उसे एक तरह का माइक्रोग्रैविटी अनुभव पहले से होता है, लेकिन अंतरिक्ष में यह स्थिति ज्यादा जटिल हो सकती है। वहीं अंतरिक्ष में बच्चे का जन्म देना बेहद मुश्किल होगा। वहां तरल पदार्थ तैरते हैं, जिससे रक्त और अन्य शारीरिक तरल पदार्थ चारों तरफ फैल सकते हैं। इससे डिलीवरी प्रोसेस खतरनाक भी हो सकता है।
 
कॉस्मिक किरणें अंतरिक्ष का सबसे बड़ा खतरा हैं। पृथ्वी पर हमारा वायुमंडल और चुंबकीय क्षेत्र हमें इन विकिरणों से बचाता है, लेकिन अंतरिक्ष में ऐसी कोई सुरक्षा नहीं होती। गर्भ के शुरुआती हफ्तों में भू्रण की कोशिकाएं तेजी से बढ़ती हैं। इस समय यदि रेडिएशन हमला करता है, तो मिसकैरेज का खतरा बढ़ जाता है। जैसे-जैसे गर्भ बढ़ता है, कॉस्मिक किरणें प्लेसेंटा और गर्भाशय को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे प्रीमैच्योर डिलीवरी हो सकती है।
 
बताया जा रहा है कि अगर बच्चा अंतरिक्ष में जन्म ले भी लेता है, तो उसका शारीरिक और मानसिक विकास अलग तरह से होगा। बिना गुरुत्वाकर्षण के उसका शरीर खासकर हड्डियां और मांसपेशियां सही से विकसित नहीं हो पाएंगी। ऊपर-नीचे का अहसास न होने से चलना, बैठना और रेंगना जैसे विकासात्मक चरण प्रभावित हो सकते हैं। रेडिएशन के लंबे संपर्क से दिमागी विकास, याददाश्त और व्यवहार पर भी गंभीर असर पड़ सकता है। जब तक भू्रण को रेडिएशन से सुरक्षित रखने की तकनीक नहीं होती, सुरक्षित प्रसव और पोस्टनैटल केयर के संसाधन नहीं होते, और माइक्रोग्रैविटी में स्वस्थ विकास की गारंटी नहीं मिलती, तब तक अंतरिक्ष में बच्चा पैदा करना एक अत्यधिक जोखिम भरा प्रयोग होगा। अंतरिक्ष में गर्भावस्था और प्रसव विज्ञान के लिए एक नई सीमा है, जिसे पार करने से पहले कई तकनीकी और जैविक चुनौतियों से जूझना पड़ेगा। जब तक सुरक्षा, रेडिएशन शील्डिंग और मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं बन जाता, तब तक यह सिर्फ एक रोमांचक विचार ही रहेगा।