पवन शर्मा
नई दिल्ली। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (हेल) अगस्त में भारत का अत्याधुनिक लड़ाकू विमान तेजस एमके1ए अपने पहले लाइव फायरिंग ट्रायल में अस्त्र एमके1 मिसाइल का परीक्षण करेगा। यह मिसाइल बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल श्रेणी की है, जो दुश्मन के विमान को दूर से मार गिराएगी। यह परीक्षण लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट कार्यक्रम के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगी।
तेजस एमके1ए भारतीय वायुसेना के लिए एक 4.5 पीढ़ी का मल्टी-रोल लड़ाकू विमान है। इसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) ने डिजाइन किया है और हेल इसका निर्माण कर रही है। यह विमान पुराने मिग-21, मिग-23 और मिग-27 जैसे लड़ाकू विमानों की जगह ले रहे हैं। तेजस एमके1ए में कुल 40 से ज्यादा तकनीकी सुधार किए गए हैं। इसकी खासियत है कि यह हल्का और फुर्तीला डिजाइन, बेहतर एवियोनिक्स और हथियार प्रणाली, लंबी रेंज और ज्यादा गतिशीलता, ऑटोमैटिक फॉल्ट डिटेक्शन सिस्टम अस्त्र एमके1 भारत की पहली स्वदेशी बियॉन्ड विजुअल रेंज मिसाइल है, जिसे डीआरडीओ ने विकसित किया है।
इसमें गाइडेंस सिस्टम लगा है जो एक्टिव रडार होमिंग है। यह लक्ष्य पर सटीक वार, दुश्मन की इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग को मात देने की क्षमता है। इस मिसाइल के तेजस से जुड़ने के बाद भारतीय वायुसेना को बिना नजर में आए दुश्मन के विमान को नष्ट करने की ताकत मिल जाएगी।
तेजस एमके1ए में इजराइल की विकसित अत्याधुनिक ईएलएम-2052 एईएसए रडार लगाया गया है, जो विमान की निगरानी और लक्ष्य पर नियंत्रण को बेहद मजबूत बनाता है। इसमें कई लक्ष्यों को एकसाथ ट्रैक करने की क्षमता है। पुराने ईएलएम-2032 रडार की तुलना में कई गुना ज्यादा शक्तिशाली है। तेजस एमके1ए और अस्त्र एमके1 के संयोजन से भारतीय वायुसेना न केवल तकनीकी रूप से उन्नत होगी, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की ओर एक ठोस कदम भी बढ़ाएगी। स्वदेशी तकनीक का यह समन्वय भारत को रक्षा क्षेत्र में रणनीतिक स्वतंत्रता देने वाला साबित हो सकता है।