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भारत के सबसे तेज धावक बने अनिमेष कुजूर

ग्रीस में रचा नया इतिहास

12 Jul 2025 04:24 AM 26 views

भारत के सबसे तेज धावक बने अनिमेष कुजूर

सुनील शर्मा
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के घुइतांगर गांव से निकलकर अनिमेष कुजूर ने देश का नाम रोशन कर दिया है। ग्रीस के वारी शहर में आयोजित ड्रोमिया इंटरनेशनल स्प्रिंट मीट में उन्होंने 100 मीटर दौड़ केवल 10.18 सेकंड में पूरी कर नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया। इसी के साथ वह भारत के सबसे तेज धावक बन गए। इस प्रदर्शन से उन्होंने गुरइंदरबीर सिंह का रिकॉर्ड तोड़ा और सभी को चैंका दिया। हालांकि इस रेस में उन्हें दक्षिण अफ्रीका के बेंजामिन रिचर्डसन और ओमान के अली अल बलूशी के बाद तीसरा स्थान मिला, लेकिन भारत के लिए यह उपलब्धि ऐतिहासिक मानी जा रही है। दुनिया का सबसे तेज 100 मीटर का रिकॉर्ड उसैन बोल्ट के नाम है, जिन्होंने यह दूरी 9.58 सेकंड में तय की थी।
 
अनिमेष की कहानी बेहद प्रेरणादायक है। जशपुर के जिस इलाके से वह आते हैं, वह आदिवासी बहुल क्षेत्र है। उनके माता-पिता दोनों छत्तीसगढ़ पुलिस में डीएसपी के पद पर तैनात हैं। सैनिक स्कूल अंबिकापुर से 12वीं तक पढ़ाई करने वाले अनिमेष का सपना पहले सेना में भर्ती होने का था। उन्होंने 2020 में बारहवीं पास की और उसी दौरान कोरोना महामारी के कारण अपने माता-पिता के साथ कांकेर में रह रहे थे। वहां के खेल मैदान में वह रोज सुबह-शाम फुटबॉल खेलने जाते थे। यह फिटनेस के लिए तो था ही, साथ ही सेना की तैयारी भी।
 
उनके दोस्तों ने उन्हें ओपन स्टेट टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। वहां उन्होंने 100 मीटर दौड़ और गोला फेंक में हिस्सा लिया और यहीं से उनकी दौड़ में रुचि बढ़ी। इसके बाद उन्होंने लगातार कई प्रतियोगिताओं में भाग लिया। उनकी मेहनत और प्रतिभा पर ओडिशा के रिलायंस फाउंडेशन एथलेटिक्स हाई परफॉर्मेंस सेंटर के मुख्य कोच मार्टिन ओवेंस की नजर पड़ी। उन्होंने अनिमेष को अपने साथ ट्रेनिंग के लिए बुलाया और उसकी तकनीक और फिटनेस पर काम किया। कोच ने कहा कि अनिमेष के बॉडी पॉश्चर समेत कई पहलुओं में सुधार की जरूरत थी, लेकिन उसमें असाधारण गति थी।
 
इससे पहले अनिमेष ने 2023 में स्पेन में 100 मीटर दौड़ 10.27 सेकंड में पूरी की थी। वहीं पिछले महीने जेनेवा मीट में उन्होंने 200 मीटर दौड़ 20.27 सेकंड में पूरी की, जो भारत का सबसे तेज समय होता, मगर हवा की गति तय सीमा से अधिक होने के कारण उसे वैध रिकॉर्ड नहीं माना गया। फिलहाल अनिमेष और अन्य भारतीय धावक यूरोप के दौरे पर हैं, जहां वे उच्च स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेकर अपनी क्षमता को और निखारने में जुटे हैं।